लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पंचायतीराज के क्षेत्र में बढिय़ा काम किया
देहरादून। प्रदेश की दस हजार से अधिक पंचायतों के प्रतिनिधियों के लिए शुक्रवार का दिन कुछ नया और सीखने और सिखाने का दिन है। संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से पंचायतों के परिचय सम्मेलन मेेें पंचायत प्रतिनिधियों को यह मौका मिल रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस परिचय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तराखंड सरकार की तारीफ़ की और कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पंचायतीराज के क्षेत्र में बढिय़ा काम किया है। महिलाओं को पंचायत में आरक्षण देकर मजबूत करने का काम किया है। उत्तराखंड सरकार ने गांवों के विकास के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार की है। गांवों की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग को गांवों के विकास को दिशा निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने गांवों तक तकनीकी का उपयोग किया है। जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही होती है। अगर हमारे प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होंगे तो हम व्यापक बदलाव ला सकते हैं। लोकसभा जनप्रतिनिधियों को जागरूक करने को लेकर लगातार प्रयासरत है। कहा कि गांव के विकास के लिए योजनाएं बनाते समय सालभर में 4 जनसभाओं का आयोजन हो। जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों और जनता के साथ मिलकर योजना बनानी होगी। गांव के लोग मिलकर अपने गांव के विकास के लिए योजनाएं बनाएं। गांव के उत्पादों को मार्केट उपलब्ध कराने पर फोकस करना होगा। देवभूमि का कृषि उत्पादन देश के किसानों लिए प्रेरणास्रोत होना चाहिए। गांव मजबूत होगा तो पलायन रोकने में हम कामयाब होंगे। उत्तराखंड में रूरल टूरिज्म (ग्रामीण पर्यटन) को बढ़ावा देना होगा। जनमत के आधार पर गांव के विकास के लिए योजनाएं बनें। क्षेत्रीय पंचायत और जिला पंचायत को अपनी भूमिका में बदलाव करना होगा। सदनों के माध्यम से कार्यपालिका को जवाबदेह बनाना होगा। जनता के प्रति जनप्रतिनिधि औऱ जनप्रतिनिधियों के प्रति अधिकारी जवाब देह होंगे तो विकास योजनाएं तेजी से बनेंगी । सभी प्रतिनिधि अपने अनुभव व विचारों को आपस में साझा करें। लोकसभा ने विचार किया है हम सभी चुनी हुई संस्थाओं को जवाबदेह व मजबूत बनाएंगे। सभी पंचायत प्रतिनिधियों के विचारों को जान हम एक एसओपी जारी करेंगे।
‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेंद्रीकृत लोकतंत्र का सशक्तीकरण’ विषय पर आयोजित परिचय सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतों के महत्व, उनके अधिकार, विकास में पंचायतों की भूमिका आदि पर बात की जा रही है। विधानसभा से मिली जानकारी के मुताबिक पूरे दिन चार अलग-अलग सत्र होंगे।
इन सभी सत्रों में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडे सहित अन्य कई मंत्री शामिल हो रहे हैं। पंचायतीराज विभाग की ओर से इस कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, 109 क्षेत्र पंचायत प्रमुख, 270 मनोनीत ग्राम प्रधान सहित करीब 405 पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं। अन्य प्रधानों, जिला, क्षेत्र पंचायतों के नौ हजार से अधिक प्रतिनिधियों को वेब लिंक के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। देेहरादून में आयोजित पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के बाद यह दूसरा मौका है, जब प्रदेश पर एक बड़े आयोजन के लिए लोकसभा ने विश्वास जताया है। कार्यक्रम की सफलता के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।