मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगी अंतिम विदाई

नई दिल्ली। रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे। भारत के दिग्गज और मशहूर अरबपति रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। 86 साल के रतन टाटा ने बुधवार देर रात मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली। टाटा समूह के मानद चेयरमैन की रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर है। रतन टाटा का दुनिया से जाना भारत के लिए बड़ी क्षति है। राष्ट्रपति और पीएम मोदी समेत कई दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक जताया है। रतन टाटा कई दिनों से बीमार थे और वह दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। वह बेहद ही दरियादिल इंसान थे। रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी।
उन्हें सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनकी हालत गंभीर होने की खबर सामने आई थी। उन्हें ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां उनका निधन हो गया। 7 अक्टूबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ‘अफवाह’ बताकर खारिज कर दिया था और अपने फॉलोअर्स और प्रशंसकों को बताया था कि चिंता की कोई बात नहीं है और वह उम्र संबंधी चिकित्सा स्थितियों के लिए जांच करा रहे हैं।


इससे पहले, ऐसी खबरें सामने आई थीं कि रतन टाटा को अचानक ब्लड प्रेशर कम होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने 1991 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला और 2012 में अपने रिटायरमेंट तक टाटा समूह का नेतृत्व किया। अपने कार्यकाल के दौरान, दिग्गज उद्योगपति ने 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की, जिससे दूरसंचार में समूह का विस्तार हुआ। टाटा संस में अपने नेतृत्व के दौरान, उन्होंने टेटली, कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों का अधिग्रहण करके टाटा समूह को मुख्य रूप से घरेलू कंपनी से वैश्विक पावरहाउस में बदल दिया। उनके नेतृत्व में, टाटा वास्तव में 100 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के वैश्विक व्यापार साम्राज्य में विकसित हुआ। दिसंबर 2012 में, टाटा अपने पद से रिटायर हो गए और उनकी जगह पर साइरस मिस्त्री ने पदभार संभाला, जिनका 2022 में एक कार दुर्घटना में निधन हो गया। रतन टाटा के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश दुनिया के तमाम नेताओं, उद्योगपतियों ने शोक जताया है।
अरबपति हर्ष गोयनका ने भी रतन टाटा के निधन पर दुख जताया और ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर उन्हें ‘‘टाइटन’’ (अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्ति) करार दिया। रतन टाटा की मौत के बाद भारतीय मीडिया ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया ने भी निधन से जुड़ी खबर को प्रमुखता से छापा है। वो विश्वभर में प्रसिद्ध आदमी थे। पूरी दुनिया के लोग उन्हें उनके कामों की वजह से जानते थे।
रतन टाटा के संबंध में न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है कि भारत के सबसे शक्तिशाली और प्रशंसनीय दिग्गजों में से एक रतन टाटा का निधन हो गया। उन्होंने टाटा समूह को विश्व स्तर पर पहचाने जाने वाले ब्रांड में बदलकर रख दिया था। 1991 से 2012 तक अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी के रूप में उनके 21 वर्षों के दौरान टाटा समूह का मुनाफा 50 गुना बढ़ गया। इसमें सबसे ज्यादा योगदान जगुआर, लैंड रोवर और टेटली चाय जैसे प्रसिद्ध टाटा उत्पादों की बिक्री से आया, जिसकी विदेशों में भारी मांग है।

 

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