पहले राज्यसभा में पेश किया जा सकता है वक्फ संशोधन बिल

नई दिल्ली (आरएनएस)। वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन बिल सोमवार को सदन में पेश नहीं किया गया. मोदी सरकार जल्द ही इस बिल को सदन में पेश करेगी. इस बिल के जरिए केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्ति को कम करने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस बिल को पहले राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस सप्ताह के भीतर वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को पेश कर सकती है. बता दें कि संसद का बजट सत्र 12 अगस्त को समाप्त हो रहा है. ऐसे में सरकार इसी सत्र में इस बिल को पेश करने की कोशिश करेगी.
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन लाने से पहले विभिन्न मुस्लिम बुद्धिजीवियों और संगठनों से बातचीत की है साथ ही उनसे सुझाव लिए हैं. इसके बाद वक्फ बोर्ड एक्ट में 32-40 संशोधन पर विचार किया जा रहा है.

बता दें कि वक्फ अधिनियम पहली बार 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया था. इसके बाद, इसे निरस्त कर दिया गया और 1995 में एक नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया. इसके बाद साल 2013 में वक्फ बोर्डों को अधिक शक्तियां प्रदान कीं. संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने के लिए वक्फ बोर्ड को दूरगामी शक्तियां देने के लिए इस अधिनियम में  संशोधन किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित संशोधनों से वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्ति का पंजीकरण जिला कलेक्टर कार्यालय में कराना अनिवार्य हो सकता है, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके. संशोधनों का उद्देश्य केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करके समावेशिता को बढ़ाना भी है.

इस बीच यूपी के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण और दुरुपयोग की शिकायतें मिली हैं. उन्होंने कहा कि, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए किया जाना चाहिए. हालांकि, हमें अतिक्रमण, भूमि का दुरुपयोग आदि की शिकायतें मिल रही थीं. मोदी और योगी सरकार मुस्लिम समुदाय के हित में विश्वास करती है. हमें उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों के निर्माण में किया जाना चाहिए.

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