दो सालों में विश्वविद्यालय में किए गए अहम सुधार: कुलपति

नई टिहरी। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड में दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, प्रशासनिक व वित्तीय छवि को सुधारने का काम तेजी से किया गया है। कार्यभार संभालते ही सुधार के लिए प्राथमिकताएं तय कर कड़े निर्णय लेकर काम किया गया।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कुलपति डा. ध्यानी ने बताया है कि कार्यभार संभालते ही उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक एवं अकादमिक ढांचे को दुरुस्त करना, परीक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन कर नकलविहीन परीक्षाएं संपादित करवाना, मान्यता प्रणाली को पूरी तरह से पारदर्शी, जबाबदेही व भ्रष्टाचार मुक्त बनाना रखा था। जिसके लिए लगातार दो साल के कार्यकाल में काम कर अहम परिवर्तन लाया गया है। दो साल में विश्वविद्यालय के विकास को बिना दबाव व भेदभाव के अधिनियम, परिनियम व अध्यादेशों के उपबंधों का पूर्ण रूपेण संरक्षण किया गया। शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय छवि में सुधार किया। नकलविहीन परीक्षाएं संपादित करवाना और मान्यता प्रणाली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने को कठोर कार्यवाही व ठोस निर्णय लिये गये। स्वयं 168 संस्थानों और 79 विद्यालयों को औचक निरीक्षण कर खामियों को जानकर सुधार लाया गया। आनलाइन पोर्टल से भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का काम किया गया। तय सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश कराने वाले महाविद्यालयों पर लगाम कसने के लिए प्रसमन्न शुल्क आरोपित किया। सालों से लंबित बिलों को भुगतान, अमर्यादित कार्य करने वाले कुलसचिव पर कड़ी कार्यवाही, नियमविरुद्ध परीक्षा कामों के लिए संबंधित अधिकारियों से पारिश्रमिक धनराशि की वसूली, नियम विरुद्ध काम करने वाले परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ जांच आदि कामों को अंजाम दिया गया। इसके साथ ही ऋषिकेश परिसर को मर्ज करने की कार्यवाही तेजी से की गई। कुलपति डा. ध्यानी ने बताया कि उनके कुलपति पद की अर्हता को लेकर पूछे गये सवालों में कहीं सत्यता नहीं है। वे पूरी अर्हता व जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं।