
अल्मोड़ा। उत्तराखंड छात्र संगठन (उछास) ने प्रदेश सरकार द्वारा 1488 माध्यमिक विद्यालयों को बंद करने के निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए इसे शिक्षा विरोधी कदम करार दिया है। शनिवार को संगठन की बैठक में तय किया गया कि छात्रों, युवाओं और अभिभावकों के साथ मिलकर उछास जन आंदोलन शुरू करेगा और सरकार से यह आदेश तुरंत वापस लेने की मांग करेगा। बैठक की अध्यक्षता कर रहीं भावना पांडे ने कहा कि क्लस्टर विद्यालयों की अवधारणा से ग्रामीण इलाकों में खासकर बालिकाओं की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके अलावा हजारों शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे, जो शिक्षा के बाजारीकरण की साजिश है। उन्होंने कहा कि यह केवल छात्रों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या है, जिसे गंभीरता से लेकर सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। संगठन ने यह भी कहा कि वह आने वाले समय में शिक्षा के बाजारीकरण, विश्वविद्यालयों की बदहाल स्थिति और छात्र संघ चुनाव की बहाली के लिए भी आंदोलन करेगा। उछास ने प्रदेश के सभी छात्र संगठनों से अपील की है कि वे जनता के विद्यालय बचाने के लिए एकजुट हों। बैठक में सोनी मेहता, भारतेंदु भाकुनी, हेमा, जया साह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।







