पांच दिवसीय पर्वतीय कृषि पर लघु पाठ्यक्रम प्रशिक्षण संपन्न

अल्मोड़ा। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा ‘‘पर्वतीय कृषि पर लघु पाठ्यक्रम‘‘ विषय पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुल उनतीस छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखण्ड, बिहार एवं असम के प्रतिभागी थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत द्वारा किया गया। निदेशक ने अपने व्याख्यान में प्रशिक्षु विद्यार्थियों को पर्वतीय कृषि के विभिन्न आयामों से परिचित कराया तथा उन्हें संस्थान द्वारा विकसित फसलों की प्रजातियों व अन्य तकनीकियों के विषय में भी विस्तार से जानकारी दी। संस्थान के वैज्ञानिकों ने पर्वतीय कृषि से सम्बंधित विविध क्षेत्रों पर कुल 12 व्याख्यान और व्यावहारिक सत्रों में एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा में पर्वतीय फसलों का महत्व, पर्वतीय फसलों की प्रजातियों का विकास, फार्म मशीनीकरण, कृषि में सूक्ष्मजीवों का योगदान, मशरूम की खेती, संरक्षित खेती, मधुमक्खी पालन, जल प्रबंधन आदि विषय सम्मिलित थे। डॉ. लक्ष्मी कांत ने छात्रों को संस्थापक निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर बोशी सेन के संघर्ष के साथ संस्थान की विवेकानंद प्रयोगशाला से आईसीएआर-वीपीकेएएस तक की यात्रा के बारे में भी जानकारी दी। संस्थान के निदेशक द्वारा छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित कर प्रशिक्षण का समापन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ जे पी आदित्य, कुशाग्रा जोशी, देवेन्द्र शर्मा और आर पी मीणा द्वारा किया गया।